युधामन्युश्च
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युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्।
सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः।।६।।
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युधामन्युश्च
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युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्।
सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः।।६।।
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श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्याय
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१ अर्जुन विषाद योग
२ साँख्य योग
३ कर्म योग
४ ज्ञान-कर्म-संन्यास योग
५ कर्म-संन्यास योग
६ आत्म-संयम योग
७ ज्ञान-विज्ञान योग
८ अक्षर-ब्रह्म योग
९ राजविद्या-राजगुह्य योग
१० विभूति योग
११ विश्वरूपदर्शन योग
१२ भक्ति योग
१३ क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभाग योग
१४ गुणकर्मविभाग योग
१५ पुरुषोत्तम योग
१६ दैवासुरसम्पद्विभाग योग
१७ श्रद्धात्रयविभाग योग
१८ मोक्षसंन्यास योग
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युधामन्युश्च -- युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्। सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः।।६।। ***