Sunday, 18 February 2024

1/1 धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे

अध्याय १ श्लोक १

--

धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।।

मामका पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय।।१।।

--

अधिक विस्तार से जानने के लिए मेरा गीता से संबधित अन्य ब्लॉग देख सकते हैं।

यह ब्लॉग प्रारंभ करने का प्रयोजन केवल इतना ही है कि श्रीमद्भगवद्गीता को अध्याय और श्लोक के अनुसार क्रमबद्ध रूप से एक स्थान पर उपलब्ध किया जा सके। 

***


No comments:

Post a Comment

1-5-1

Ancient and Archaic Connections.  -- धृष्टकेतुश्चेकितानः काशिराजश्च वीर्यवान्। पुरुजित् कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गव।।५।। (धृष्टकेतुः चेकि...