Thursday, 15 August 2024

1-4-1

अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि।।

(अध्याय १, श्लोक ४)

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युधामन्युश्च  -- युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च वीर्यवान्।  सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथाः।।६।। ***