Tuesday 13 August 2024

1-2-1

सञ्जय उवाच 

दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा।।

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1-4-2

युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः।।४।। (अध्याय १, श्लोक ४) ***