It's about my Notes on Gita.
आचार्यमुपसङ्गम्य राजा वचनमब्रवीत्।।
अध्याय 1, श्लोक 2,
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युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथः।।४।। (अध्याय १, श्लोक ४) ***
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